घर में पूजा के लिए शास्त्रों में पंचायतन देवता मुख्य बताये गये हैं। ये हैं - गणेश, विष्णु, शिव, देवी और सूर्य। इन पांचों देवताओं की पूजा एक साथ में होती है।
भगवान विष्णु के पवित्र नामों का गायन सभी समय और स्थानों पर किया जा सकता है। इस भगवान के कीर्तन (जाप) के लिए कोई अशुद्धता का सवाल ही नहीं उठता जो सदा पवित्र हैं। भगवान की उपासना के लिए समय, स्थान या शुद्धता पर कोई प्रतिबंध नहीं है, क्योंकि वे हमेशा पवित्र होते हैं। यह दर्शाता है कि कोई भी कृष्ण, गोविंद और हरि के नामों का जाप हमेशा कर सकता है, चाहे परिस्थिति या व्यक्ति की शुद्धता की स्थिति कुछ भी हो। ऋषि पुष्टि करते हैं कि भगवान भक्त की शुद्धता या अशुद्धता से दूषित नहीं होते। इसके विपरीत, भगवान भक्त को शुद्ध करते हैं और उन्हें स्वीकार करते हैं, जो उनकी परम पवित्रता को दर्शाता है।
विद्याधनं सर्वधनप्रधानम्
विद्या ही सभी धनों में श्रेष्ठ धन है| इस धन को चोर चुरा नही�....
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ॐ अश्वध्वजाय विद्महे पाशहस्ताय धीमहि। तन्नः सूर्यः प्र�....
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सर्वविघ्नविनाशाय सर्वकल्याणहेतवे। पार्वतीप्रियपुत्र�....
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