अनाहत चक्र में बारह पंखुडियां हैं। इनमें ककार से ठकार तक के वर्ण लिखे रहते हैं। यह चक्र अधोमुख है। इसका रंग नीला या सफेद दोनों ही बताये गये है। इसके मध्य में एक षट्कोण है। अनाहत का तत्त्व वायु और बीज मंत्र यं है। इसका वाहन है हिरण। अनाहत में व्याप्त तेज को बाणलिंग कहते हैं।
गरुड के दूसरे नाम हैं - सुपर्ण, वैनतेय, नागारि, नागभीषण, जितान्तक, विषारि, अजित, विश्वरूपी, गरुत्मान, खगश्रेष्ठ, तार्क्ष्य, और कश्यपनन्दन।
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