अन्नं प्रजापतिश्चोक्तः स च संवत्सरो मतः। संवत्सरस्तु यज्ञोऽसौ सर्वं यज्ञे प्रतिष्ठितम्॥ तस्मात् सर्वाणि भूतानि स्थावराणि चराणि च। तस्मादन्नं विषिष्टं हि सर्वेभ्य इति विश्रुतम्॥
जब आप कहीं जाने के लिए निकलते हैं और आपको सामने से आता हुआ दंपति दिखाई देता है, तो आपका कार्य सफल होगा।
धनिष्ठा नक्षत्र
धनिष्ठा नक्षत्र - व्यक्तित्व और विशेषताएं, स्वास्थ्य, व्�....
Click here to know more..टेढा होने पर भी महादेव के माथे पर रहने के कारण चन्द्रमा को सम्मान मिलता है
शिव शंकर स्तोत्र
सुरेन्द्रदेवभूतमुख्यसंवृतं गले भुजङ्गभूषणं भयाऽपहम् �....
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