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वेदधारा को हिंदू धर्म के भविष्य के प्रयासों में देखकर बहुत खुशी हुई -सुभाष यशपाल

वेदधारा हिंदू धर्म के भविष्य के लिए जो काम कर रहे हैं वह प्रेरणादायक है 🙏🙏 -साहिल पाठक

आपकी वेबसाइट से बहुत कुछ सीखने को मिलता है।🙏 -आर्या सिंह

बहुत अच्छी अच्छी जानकारी प्राप्त होती है 🙏🌹🙏 -Manjulata srivastava

सनातन धर्म के भविष्य के लिए वेदधारा के नेक कार्य से जुड़कर खुशी महसूस हो रही है -शशांक सिंह

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गण्डान्त दोष क्या है?

गण्डान्त तीन प्रकार के हैं: नक्षत्र-गण्डान्त , राशि-गण्डान्त, तिथि-गण्डान्त। अश्विनी, मघा, मूल इन तीन नक्षत्रों के प्रथम चरण; रेवती, आश्लेषा, ज्येष्ठा इन तीन नक्षत्रों के अन्तिम चरण; ये हुए नक्षत्र-गण्डान्त। मेष, सिंह, धनु इन तीन राशियों की प्रथम घटिका; कर्क, वृश्चिक, मीन इन तीन राशियों की अंतिम घटिका; ये हुए राशि गण्डान्त। अमावास्या, पूर्णिमा, पञ्चमी, दशमी इन चार तिथियों की अंतिम तीन घटिका; प्रतिपदा, षष्ठी, एकादशी इन तीन तिथियों की प्रथम तीन घटिका; ये हुए तिथि-गण्डान्त। गण्डान्तों में जन्म अशुभ माना जाता है। गण्डान्तों में शुभ कार्यों को करना भी वर्जित है।

श्राद्ध से बढ़कर कोई कर्म नहीं

श्राद्धात् परतरं नान्यच्छ्रेयस्करमुदाहृतम् । तस्मात् सर्वप्रयत्नेन श्राद्धं कुर्याद्विचक्षणः ॥ - (हेमाद्रि ) - श्राद्ध से बढ़कर कल्याणकारी और कोई कर्म नहीं होता । अतः प्रयत्नपूर्वक श्राद्ध करते रहना चाहिये।

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वृत्रहन्ता किस देवता को कहते हैं ?

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