तेरा अद्भुत रूप निराला, आजा! मेरी नैना माई ए ।

तुझपै तन मन धन सब वारूं, आजा मेरी नैना माई ए ॥

 

सुन्दर भवन बनाया तेरा, तेरी शोभा न्यारी ।

नीके नीके खम्भे लागे, अद्भुत चित्तर करीतेरा रंग बिरंगा द्वारा ॥ 

आजा मेरी नैना माई ए ॥

 

झाँझा और मिरदंगा बाजे, और बाजे शहनाई ।

तुरई नगाड़ा ढोलक बाजे, तबला शब्त सुनाई ।

तेरे द्वारे नौबत बाजे ॥ 

आजा मेरी नैना माई ए ॥

 

पीला चोला जरद किनारी, लाल ध्वजा फहराये ।

सिर लालों दा मुकुट विराजे, निगाह नहिं ठहराये ।

तेरा रूप न वरना जाए ॥ 

आजा मेरी नैना माई ए ॥

 

पान सुपारी ध्वजा, नारियल भेंट तिहारी लागे ।

बालक बूढ़े नर नारी की, भीड़ खड़ी तेरे आगे ।

तेरी जय जयकार मनावे ॥ 

आजा मेरी नैना माई ए ॥

 

कोई गाए कोई बजाए,कोई ध्यान लगाये ।

कोई बैठा तेरे आंगन में,नाम की टेर सुनाये ।

कोई नृत्य करे तेरे आगे ॥ 

आजा मेरी नैना माई ए ॥

 

कोई मांगे बेटा बेटी, किसी को कंचन माया ।

कोई माँगे जीवन साथी, कोई सुन्दर काया ।

भक्तों किरपा तेरी मांगे ॥ 

आजा मेरी नैना माई ए ॥

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वेदधारा से जब से में जुड़ा हूं मुझे अपने जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिला वेदधारा के विचारों के माध्यम से हिंदू समाज के सभी लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए। -नवेंदु चंद्र पनेरु

यह वेबसाइट ज्ञान का अद्वितीय स्रोत है। -रोहन चौधरी

वेदधारा सनातन संस्कृति और सभ्यता की पहचान है जिससे अपनी संस्कृति समझने में मदद मिल रही है सनातन धर्म आगे बढ़ रहा है आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 -राकेश नारायण

गुरुजी का शास्त्रों की समझ गहरी और अधिकारिक है 🙏 -चितविलास

आपकी वेबसाइट अद्वितीय और शिक्षाप्रद है। -प्रिया पटेल

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