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वेदधारा हिंदू धर्म के भविष्य के लिए जो काम कर रहे हैं वह प्रेरणादायक है 🙏🙏 -साहिल पाठक
हिंदू धर्म के पुनरुद्धार और वैदिक गुरुकुलों के समर्थन के लिए आपका कार्य सराहनीय है - राजेश गोयल
आपकी वेबसाइट बहुत ही अनमोल और जानकारीपूर्ण है।💐💐 -आरव मिश्रा
आपके प्रवचन हमेशा सही दिशा दिखाते हैं। 👍 -स्नेहा राकेश
वेदधारा का प्रभाव परिवर्तनकारी रहा है। मेरे जीवन में सकारात्मकता के लिए दिल से धन्यवाद। 🙏🏻 -Anjana Vardhan
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सूत और शूद्र में क्या अंतर है?
शूद्र चातुर्वर्ण्य व्यवस्था का एक वर्ण है। सूत ब्राह्मण स्त्री में उत्पन्न क्षत्रिय की सन्तान है । वर्ण व्यवस्था के अनुसार सूत का स्थान क्षत्रियों के नीचे और वैश्यों के ऊपर था पेशे से ये पुराण कथावाचक और सारथी होते थे।
कर्ण को सूत पुत्र क्यों कहा जाता है?
कर्ण के पिता थे सूर्यदेव और माता थी कुंती । कर्ण का जन्म रहस्य था और कुंती के विवाह से पहले हुआ था। कुंती ने कर्ण को नदी में बहा दिया। अधिरथ - राधा दंपती को यह बच्चा मिला। उन्होने उसे पाला, पोसा, बडा किया। अधिरथ और राधा सूत जाति के थे। इसलिए कर्ण सूत पुत्र कहा जाता है।