ॐ नमो आदेश गुरुन को ईश्वर वाचा अजरी बजरी बाड़ा बज्जरी मैं बज्जरी बाँधा दशौ दुवार छुवा और के घालों तो पलट हनुमन्त वीर उसी को मारे पहली चौकी गनपती, दूजी चौकी हनुमन्त तीजी, चौकी में भैरों, चौथी चौकी देत रक्षाकरन को आवें श्री नरसिंहदेवजी शब्द साँचा पिण्ड काँचा, चले मन्त्र ईश्वरो वाचा ।
सोने से पहले अपनी चारों ओर इस मंत्र को बोलकर रेखा खींचें ।
शत्रु या भूत - प्रेत पास नहीं आ पाएगा।
ॐ रोहणी रुद्राक्षी मनकरिन्द्री नमः । रुद्राक्षीयायां गंड संसारं पारवितं फूल माला जडयायामी जयमीस्यामी जमीस्यामी प्रलानी प्रलानी नमः । रुद्राक्षी बुटी सफलं करीयामी मूर मूरगामी यशस्वी स्वः । ज्या बूटी मोरी वाणी बुंटी दामिनी दामिमि स्वः । रमणी रमणी नमः नमः । इस मंत्र से रुद्राक्ष अभिमंत्रित करने से वह सिद्ध हो जाता है ।
ॐ विष्णु चक्र चक्रौति भार्गवन्ति, सैहस्त्रबाहु चक्रं चक्रं चक्रौती युद्धं नाष्यटष्य नाष्टष्य चल चक्र, चक्रयामि चक्रयामि. काल चक्रं भारं उन्नतै करियन्ति करियन्ति भास्यामि भास्यामि अड़तालिशियं भुजगेन्द्र हारं सुदर्शन चक्रं चलायामि चलायामि भुजा काष्टं फिरयामि फिरयामि भूर्व : भूवः स्वः जमुष्ठे जमुष्ठे चलयामि रुद्र ब्रह्म अंगुलानि ब्रासमति ब्रासमति करियन्ति यमामी यमामी ।