कृत युग में - त्रिपुरसुंदरी, त्रेता युग में - भुवनेश्वरी, द्वापर युग में - तारा, कलि युग में - काली।
क्यों कि उन्होंने ही वेद को चार भागों में विभाजित किया।
स्वास्थ्य के लिए धन्वंतरि गायत्री मंत्र
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Click here to know more..दुश्मन को हराने का टोटका
ॐ पूर्व- कपि-मुखाय पंचमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल- शत्रुस�....
Click here to know more..स्वर्ण गौरी स्तोत्र
वरां विनायकप्रियां शिवस्पृहानुवर्तिनीम् अनाद्यनन्तसम....
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