पूजा का समय सूर्यास्त से 3 घटी पहले शुरू होता है। 3 घटी का मतलब 72 मिनट, लगभग सवा घंटा होता है। अगर सूर्यास्त 6:30 बजे है, तो पूजा 5:15 बजे शुरू होनी चाहिए।
आरती करने के तीन उद्देश्य हैं। १. नीरांजन - देवता के अङ्ग-प्रत्यङ्ग चमक उठें ताकि भक्त उनके स्वरूप को अच्छी तरह समझकर अपने हृदय में बैठा सकें। २. कष्ट निवारण - पूजा के समय देवता का भव्य स्वरूप को देखकर उनके ऊपर भक्तों की ही नज़र पड सकती है। छोटे बच्चों की माताएँ जैसे नज़र उतारती हैं, ठीक वैसे ही आरती द्वारा देवता के लिए नज़र उतारी जाती है। ३, त्रुटि निवारण - पूजा में अगर कोई त्रुटि रह गई हो तो आरती से उसका निवारण हो जाता है।