अग्नि पुराण में भगवान विष्णु के ५५ नामों का स्मरण करने का विशेष विधि बताया है।

इस प्रकार इसका पाठ करने से समस्त मंत्रों का जाप करने का और समस्त तीर्थों में स्नान करने का फल मिलता है।

 

 

मैं -

 

पुष्कर में पुण्डरीकाक्ष का

गया में गदाधर का

चित्रकूट में राघव का

प्रभास में दैत्यसूदन का

जयन्ती में जय का

हस्तिनापुर में जयन्त का

वर्धमान में वाराह का

काश्मीर में चक्रपाणि का

कुब्जाभ में जनार्दन का

मथुरा में केशवदेव का

कुब्जाम्रक में हृषीकेश

गङ्गाद्वार में जटाधर का

शालग्राम में महायोग का

गोवर्धनगिरि पर हरि का

पिण्डारक में चतुर्बाहु का

शङ्खोद्धार में शङ्खी का

कुरुक्षेत्र में वामन का

यमुना में त्रिविक्रम का

शोणतीर्थ में विश्वेश्वर का

पूर्वसागर में कपिल का

महासागर में विष्णु का

गङ्गासागर-सङ्गम में वनमाल का

किष्किन्धा में रैवतकदेव का

काशीतट में महायोग का

विरजा में रिपुंजय का

विशाखयूप में अजित का

नेपाल में लोकभावन का

द्वारका में कृष्ण का

मन्दराचल में मधुसूदन का

लोकाकुल में रिपुहर का

शालग्राम में हरि का

पुरुषवट में पुरुष का

विमलतीर्थ में जगत्प्रभु का

सैन्धवारण्य में अनन्त का

दण्डकारण्य में शार्ङ्गधारी का

उत्पलावर्तक में शौरि का

नर्मदा में श्रीपति का

रैवतक गिरि पर दामोदर का

नन्दा में जलशायी का

सिन्धुसागर में गोपीश्वर का

महेन्द्रतीर्थ में अच्युत का

सह्याद्रि पर देवदेवेश्वर का

मागधवन में वैकुण्ठ का

विन्ध्यगिरि पर सर्वपापहारी का

औण्ड्र में पुरुषोत्तम का

हृदय में आत्मा का

प्रत्येक वटवृक्ष पर कुबेर का

प्रत्येक चौराहे पर शिव का

प्रत्येक पर्वत पर राम का

सर्वत्र मधुसूदन का

धरती और आकाश में नर का

वसिष्ठतीर्थ में गरुडध्वज का

सर्वत्र भगवान वासुदेव का

 

स्मरण करता / करती हूं।

163.1K
24.5K

Comments

Security Code

54547

finger point right
आपकी वेबसाइट बहुत ही मूल्यवान जानकारी देती है। -यशवंत पटेल

Mujhe veddhara se acchi Sanskar milti h -User_sptdfl

Hamen isase bahut jankari milti hai aur mujhe mantron ki bhi jankari milti hai -User_spaavj

वेदधारा समाज के लिए एक महान सेवा है -शिवांग दत्ता

वेदधारा का कार्य अत्यंत प्रशंसनीय है 🙏 -आकृति जैन

Read more comments

Knowledge Bank

सूर्य भगवान का जन्म स्थान

जिस स्थान पर अदिति ने तप किया और सूर्य को जन्म दिया, उसे वर्तमान में अभिमन्युपुर के नाम से जाना जाता है। यह कुरूक्षेत्र शहर से 8 किमी की दूरी पर है।

कर्ण को सूत पुत्र क्यों कहा जाता है?

कर्ण के पिता थे सूर्यदेव और माता थी कुंती । कर्ण का जन्म रहस्य था और कुंती के विवाह से पहले हुआ था। कुंती ने कर्ण को नदी में बहा दिया। अधिरथ - राधा दंपती को यह बच्चा मिला। उन्होने उसे पाला, पोसा, बडा किया। अधिरथ और राधा सूत जाति के थे। इसलिए कर्ण सूत पुत्र कहा जाता है।

Quiz

विद्या की देवी कौन है ?

Recommended for you

अंत्येष्टि

अंत्येष्टि

शव को स्नानादि कराने के बाद कर्मकर्ता तिल, दूध, मधु, घी आदि ....

Click here to know more..

गाय सभी जीवों में श्रेष्ठ है

गाय सभी जीवों में श्रेष्ठ है

प्राचीन भारत में गाय को धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रू�....

Click here to know more..

काली कवच

काली कवच

अथ वैरिनाशनं कालीकवचम्। कैलास शिखरारूढं शङ्करं वरदं शि�....

Click here to know more..