भरत का जन्म राजा दुष्यन्त और शकुन्तला के पुत्र के रूप में हुआ। एक दिन, राजा दुष्यन्त ने कण्व ऋषि के आश्रम में शकुन्तला को देखा और उनसे विवाह किया। शकुन्तला ने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम भरत रखा गया। भरत का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। उनके नाम पर ही भारत देश का नाम पड़ा। भरत को उनकी शक्ति, साहस और न्यायप्रियता के लिए जाना जाता है। वे एक महान राजा बने और उनके शासनकाल में भारत का विस्तार और समृद्धि हुई।
हरिद्वार में माताजी के तीन मंदिर प्रसिद्ध हैं - चंडी देवी मंदिर, माया देवी मंदिर, मनसा देवी मंदिर।
पञ्चाक्षर मंत्र केवल नमःशिवाय है- ॐ नमःशिवाय नहीं
दत्तात्रेय का शक्तिशाली मंत्र
ॐ नमो भगवान् दत्तात्रेयः स्मरणमात्रसन्तुष्टो महाभयनिव�....
Click here to know more..श्यामला दंडक स्तोत्र
माणिक्यवीणामुपलालयन्तीं मदालसां मञ्जुलवाग्विलासाम्| �....
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