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आपका प्रयास सराहनीय है,आप सनातन संस्कृति को उन्नति के शिखर पर ले जा रहे हो हमारे जैसे अज्ञानी भी आप के माध्यम से इन दिव्य श्लोकों का अनुसरण कर अपने जीवन को सार्थक बनाने में लगे हैं🙏🙏🙏 -User_soza7d

वेदधारा की वजह से हमारी संस्कृति फल-फूल रही है 🌸 -हंसिका

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 -User_sdh76o

यह वेबसाइट बहुत ही शिक्षाप्रद और विशेष है। -विक्रांत वर्मा

जो लोग पूजा कर रहे हैं, वे सच में पवित्र परंपराओं के प्रति समर्पित हैं। 🌿🙏 -अखिलेश शर्मा

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देवकार्य की अपेक्षा पितृकार्य की विशेषता

देवकार्यादपि सदा पितृकार्यं विशिष्यते । देवताभ्यो हि पूर्वं पितॄणामाप्यायनं वरम्॥ (वायु तथा ब्रह्मवैवर्त पुराण) - देवकार्य की अपेक्षा पितृकार्य की विशेषता मानी गयी है। अतः देवकार्य से पूर्व पितरोंको तृप्त करना चाहिये।

आग्नेय अस्त्र

आग्नेय अस्त्र एक शक्तिशाली विस्फोटक बाण है। यह अग्नि के समान जल बरसाकर सब कुछ नष्ट कर देता है। इसका प्रतिकार करने वाला अस्त्र पर्जन्य है। ऐसे अस्त्र मन्त्रों के माध्यम से संचालित होते हैं। प्रत्येक अस्त्र का एक विशेष देवता या देवी से संबंध होता है, और इन्हें मन्त्र-तन्त्र के माध्यम से सक्रिय किया जाता है। इन्हें दिव्य अस्त्र भी कहा जाता है।

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क्रुरुक्षेत्र मे युद्ध की घोषणा करते हुए सब्से पहले किसने शंख बजाया था ?

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