प्रकरण - १

विद्या विषयक विचार

दर्शन शास्त्र, वेद, संपत्ति शास्त्र तथा राजनीति शास्त्र यह चार विद्याएं हैं।

मनु संप्रदाय के विद्वान अंतिम तीन को ही विद्या समझते हैं और आन्वीक्षकी या दर्शन शास्त्र को तीनों वेद का एक भाग प्रगट करते हैं।

बृहस्पति मतानुयायी केवल अंतिम दो ही को विद्या मानते हैं और कहते हैं कि तीनों वेद तो दुनियादार लोगों के लिए आजीविका का सहारा है।

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