मेरो मन गमहि गम रटै रे।
गम नाम जप लीजै प्राणी, कोटिक पाप कटै रे।
जनम जनम के खत जु पुराने, नामहि लेत फटै रे।
कनक-कटोरे अमृत भरियो, पीबत कौन नटै रे।
मीग कह प्रभु हरि अविनाशी, तन मन ताहि पटै रे।
सभी धर्मों का सम्मान करें और उनके महत्व को समझें, परंतु अपने मार्ग पर स्थिर रहें, अपने विश्वास और आचरण के प्रति सच्चे बने रहें।
हनुमान साठिका पढनेवाले भक्तों के संकट हनुमान जी समाप्त कर लेते हैं । वे उनकी रक्षा करते हैं । उनकी मनोकामनायें पूर्ण हो जाती हैं ।
आज्ञा करने की शक्ति के लिए मंत्र
तत्पुरुषाय विद्महे सहस्राक्षाय धीमहि तन्नः शक्रः प्रचो....
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Click here to know more..लक्ष्मी स्तुति
आदिलक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्मस्वरूपिणि। यशो देहि धन�....
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