मकर राशि के १० अंश से २३ अंश २० कला तक जो नक्षत्र व्याप्त है उसे श्रवण कहते हैं।
वैदिक खगोल विज्ञान में यह बाईसवां नक्षत्र है।
आधुनिक खगोल विज्ञान के अनुसार श्रवण नक्षत्र को α Altair, β and γ Aquilae कहते हैं।
श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वालों की विशेषताएं -
श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वालों को इन दिनों महत्वपूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए और इन नक्षत्रों में जन्मे लोगों के साथ भागीदारी नहीं करना चाहिए।
श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वालों को इन स्वास्थ्य से संबन्धित समस्याओं की संभावना है-
श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए कुछ अनुकूल व्यवसाय-
हां।
मोती
सफेद, काला
श्रवण नक्षत्र के लिए अवकहडादि पद्धति के अनुसार नाम का प्रारंभिक अक्षर हैं-
नामकरण संस्कार के समय रखे जाने वाले पारंपरिक नक्षत्र-नाम के लिए इन अक्षरों का उपयोग किया जा सकता है।
शास्त्र के अनुसार नक्षत्र-नाम के अलावा एक व्यावहारिक नाम भी होना चाहिए जो रिकॉर्ड में आधिकारिक नाम रहेगा। उपरोक्त प्रणाली के अनुसार रखे जाने वाला नक्षत्र-नाम केवल परिवार के करीबी सदस्यों को ही पता होना चाहिए।
श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वालों के व्यावहारिक नाम इन अक्षरों से प्रारंभ न करें - स, ओ, औ, ट, ठ, ड, ढ।
सामान्य तौर पर, विवाह आरामदायक होगा।
परिवार में तरक्की होगी।
श्रवण नक्षत्र में जन्मी स्त्रियों को अच्छे पति प्राप्त होंगे और वे भाग्यशाली होती हैं।
श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए शनि, राहु और केतु की दशाएं आमतौर पर प्रतिकूल होती हैं।
वे निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं।
ॐ विष्णवे नमः
नमो गोभ्यः श्रीमतीभ्यः सौरभेयीभ्य एव च । नमो ब्रह्मसुताभ्यश्च पवित्राभ्यो नमो नमः || - श्रीमती गौओंको नमस्कार ! कामधेनुकी संतानों को नमस्कार । ब्रह्माजी की पुत्रियों को नमस्कार ! पावन करनेवाली गौओं को बार-बार नमस्कार ।
१. शिव २. शक्ति ३. सदाशिव ४. ईश्वर ५. शुद्धविद्या ६. माया ७. कला ८. विद्या ९. राग १०. काल ११. नियति १२. पुरुष १३. प्रकृति १४. बुद्धि १५. अहङ्कार १६. मन १७. श्रोत्र १८. त्वक् १९. चक्षु २०. जिह्वा २१. घ्राण २२. वाक् २३. पाणि २४. पाद २५. पायु २६. उपस्थ २७. शब्द २८. स्पर्श २९. रूप ३०. रस ३१. गन्ध ३२. आकाश ३३. वायु ३४. वह्नि ३५. जल ३६.पृथिवी।
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