कर्क राशि के ३ अंश २० कला से १६ अंश ४० कला तक जो नक्षत्र व्याप्त है उसे पुष्य कहते हैं। 

वैदिक खगोल विज्ञान में यह आठवां नक्षत्र है। 

आधुनिक खगोल विज्ञान के अनुसार पुष्य नक्षत्र को γ, δ, and θ Cancri कहते हैं।

व्यक्तित्व और विशेषताएं

पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वालों की विशेषताएं -

प्रतिकूल नक्षत्र

पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वालों को इन दिनों महत्वपूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए और इन नक्षत्रों में जन्मे लोगों के साथ भागीदारी नहीं करना चाहिए। 

स्वास्थ्य

पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वालों को इन स्वास्थ्य से संबन्धित समस्याओं की संभावना है-

व्यवसाय

पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए कुछ अनुकूल व्यवसाय-

क्या पुष्य नक्षत्र वाला व्यक्ति हीरा धारण कर सकता है?

अनुकूल नहीं है। 

भाग्यशाली रत्न

नीलम ।

अनुकूल रंग

काला, गहरा नीला, सफेद।

पुष्य नक्षत्र में जन्मे बच्चे का नाम

पुष्य नक्षत्र के लिए अवकहडादि पद्धति के अनुसार नाम का प्रारंभिक अक्षर हैं-

नामकरण संस्कार के समय रखे जाने वाले पारंपरिक नक्षत्र-नाम के लिए इन अक्षरों का उपयोग किया जा सकता है।

शास्त्र के अनुसार नक्षत्र-नाम के अलावा एक व्यावहारिक नाम भी होना चाहिए जो रिकॉर्ड में आधिकारिक नाम रहेगा। उपरोक्त प्रणाली के अनुसार रखे जाने वाला नक्षत्र-नाम केवल परिवार के करीबी सदस्यों को ही पता होना चाहिए।

पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वालों के व्यावहारिक नाम इन अक्षरों से प्रारंभ न करें - ट, ठ, ड, ढ, प, फ, ब, भ, म, स।

वैवाहिक जीवन

पुष्य नक्षत्र में जन्मी महिलाओं का दांपत्य जीवन कठिन हो सकता है। 

गुस्से पर नियंत्रण रखने के लिए प्रयत्न करना चाहिए। 

उपाय

पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए सूर्य, मंगल और केतु की दशाएं आमतौर पर प्रतिकूल होती हैं। वे निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं।

मंत्र

ॐ बृहस्पतये नमः 

पुष्य नक्षत्र

 

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