सूर्य मंत्र

ॐ घृणिः सूर्याय नमः

ॐ ह्रीं ह्रौं सूर्याय नमः

चन्द्र मंत्र

ॐ सों सोमाय नमः

ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः

मंगल मंत्र

ॐ अं अङ्गारकाय नमः

ॐ ह्रूं श्रीं भौमाय नमः

बुध मंत्र

ॐ बुं बुधाय नमः

ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः

गुरु मंत्र

ॐ बृं बृहस्पतये नमः

ॐ ह्रीं क्लीं हूँ बृहस्पतये नमः

शुक्र मंत्र

ॐ शुं शुक्राय नमः

ॐ ह्रीं श्रीं शुक्राय नमः

शनि मंत्र

ॐ शं शनैश्चराय नमः

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः

राहु मंत्र

ॐ रां राहवे नमः

ॐ ऐं ह्रीं राहवे नमः

केतु मंत्र

ॐ कें केतवे नमः

ॐ ह्रीं ऐं केतवे नमः

 

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गुरुजी की शास्त्रों पर अधिकारिकता उल्लेखनीय है, धन्यवाद 🌟 -Tanya Sharma

मेरे जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए दिल से शुक्रिया आपका -Atish sahu

सनातन धर्म के भविष्य के प्रति आपकी प्रतिबद्धता अद्भुत है 👍👍 -प्रियांशु

यह वेबसाइट बहुत ही उपयोगी और ज्ञानवर्धक है।🌹 -साक्षी कश्यप

वेदधारा की धर्मार्थ गतिविधियों का हिस्सा बनकर खुश हूं 😇😇😇 -प्रगति जैन

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श्रीकृष्ण के चरणों में स्थान

अष्टम भाव के ऊपर चन्द्रमा, गुरु और शुक्र तीनों ग्रहों की दृष्टि हो तो देहांत के बाद भगवान श्रीकृश्ष्ण के चरणों में स्थान मिलेगा।

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ज्योतिष में ग्रहों का राजा कौन है ?

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