श्रीकृष्ण के संग पाने के लिए श्री राधारानी की सेवा, वृन्दावन की सेवा और भगवान के भक्तों की सेवा अत्यन्त आवश्यक हैं। इनको किए बिना श्री राधामाधव को पाना केवल दुराशा मात्र है।
वसुदेव और नन्दबाबा चचेरे भाई थे। देवकी वसुदेव की पत्नी थी और यशोदा नन्दबाबा की पत्नी।
प्रेम में सफलता के लिए कामदेव मंत्र
कामदेवाय विद्महे पुष्पबाणाय धीमहि तन्नोऽनंगः प्रचोदया�....
Click here to know more..ऋषि जन शास्त्रों का सार क्यों सुनना चाहते हैं?
महाविष्णु शरणागति स्तोत्र
अकारार्थो विष्णुर्जगदुदयरक्षाप्रलयकृन्- मकारार्थो जी�....
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