मिथुन राशि के ६ अंश ४० कला से २० अंश तक जो नक्षत्र व्याप्त है उसे आर्द्रा कहते हैं।
वैदिक खगोल विज्ञान में यह छठा नक्षत्र है।
आधुनिक खगोल विज्ञान के अनुसार आर्द्रा नक्षत्र को Betelgeuse कहते हैं।
आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वालों की विशेषताएं -
आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वालों को इन दिनों महत्वपूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए और इन नक्षत्रों में जन्मे लोगों के साथ भागीदारी नहीं करना चाहिए।
आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वालों को इन स्वास्थ्य से संबन्धित समस्याओं की संभावना है-
आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए कुछ अनुकूल व्यवसाय-
हां। हीरा आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए लाभदायक है।
गोमेद।
काला, गहरा नीला।
आर्द्रा नक्षत्र के लिए अवकहडादि पद्धति के अनुसार नाम का प्रारंभिक अक्षर हैं-
नामकरण संस्कार के समय रखे जाने वाले पारंपरिक नक्षत्र-नाम के लिए इन अक्षरों का उपयोग किया जा सकता है।
शास्त्र के अनुसार नक्षत्र-नाम के अलावा एक व्यावहारिक नाम भी होना चाहिए जो रिकॉर्ड में आधिकारिक नाम रहेगा। उपरोक्त प्रणाली के अनुसार रखे जाने वाला नक्षत्र-नाम केवल परिवार के करीबी सदस्यों को ही पता होना चाहिए।
आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वालों के व्यावहारिक नाम इन अक्षरों से प्रारंभ न करें - च, छ, ज, झ, त, थ, द, ध, न, उ, ऊ, ऋ, ष।
आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे लोग अपने जीवनसाथी के साथ बेवफ़ाई न करने पर विशेष ध्या दें।
आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए सूर्य, शनि और केतु की दशाएं आमतौर पर प्रतिकूल होती हैं। वे निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं।
ॐ रुद्राय नमः
कलयुग की कुल अवधि है ४,३२,००० साल। वर्तमान कलयुग ई.पू.३,१०२ में शुरू हुआ था और सन् ४,२८,८९९ में समाप्त होगा।
रावण के परदादा थे ब्रह्मा जी। ब्रह्मा जी के पुत्र पुलस्त्य रावण के दादा थे।