सुंदरनाथ धाम डुमरिया पंचायत, कुर्साकांटा प्रखंड, अररिया जिला, बिहार राज्य में स्थित है।
यह अररिया से ३० कि.मी. की दूरी पर है।
शिव-पार्वती।
सुंदरनाथ धाम का निर्माण साल 1935 में पूर्णिया जिले के गढ़बनैली के राजा कुलानंद सिंह ने कराया था।
साल २०१२ में विधायक विजय कुमार मंडल के नेतृत्व में भव्य एवं आकर्षक मंदिर का निर्माण शुरू हुआ।
पाण्डव अज्ञातवास के समय विराट (मत्स्यदेश) में रहते थे।
यह आजकल पडोसी देश नेपाल में बिराटनगर के नाम से जाना जाता है जो अररिया से ५० कि.मी की दूरी पर है। भगवान श्रीकृष्ण के आदेशानुसार पाण्डव अपनी माता कुन्ती के साथ सुंदरनाथ की पूजा अभिषेक करने आये। भीमसेन द्वारा लाये गये १०८ दिव्य कमलों से भगवान भोलेनाथ की अर्चना हुई थी।
१९३० तक नाग बाबा यहां रहते थे।
सदा सुहागन रहने के लिए महिलायें माता से प्रार्थना करती हैं।
रावण के दुष्कर्म , विशेष रूप से सीता के अपहरण के प्रति विभीषण के विरोध और धर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें रावण से अलग होकर राम के साथ मित्रता करने के लिए प्रेरित किया। उनका दलबदल नैतिक साहस का कार्य है, जो दिखाता है कि कभी-कभी व्यक्तिगत लागत की परवाह किए बिना गलत काम के खिलाफ खड़ा होना जरूरी है। यह आपको अपने जीवन में नैतिक दुविधाओं का सामना करने पर कठोर निर्णय लेने में मदद करेगा।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ॐ स्वाहा ॐ गरुड सं हुँ फट् । किसी रविवार या मंगलवार के दिन इस मंत्र को दस बर जपें और दस आहुतियां दें। इस प्रकार मंत्र को सिद्ध करके जरूरत पडने पर मंत्र पढते हुए फूंक मारकर भभूत छिडकें ।
पानी की कमी से निपटने के लिए मंत्र
इदं जनासो विदथ महद्ब्रह्म वदिष्यति । न तत्पृथिव्यां नो �....
Click here to know more..नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम्
रसेश्वर स्तुति
भानुसमानसुभास्वरलिङ्गं सज्जनमानसभास्करलिङ्गम्| सुरवर....
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