कल्याण का मूल स्रोत भगवान शिव हैं।
सुख का मूल स्रोत भगवान शिव हैं।
वे अपने भक्तों के कल्याण और सुख की वृद्धि करते ही रहते हैं।
शिव मङ्गलस्वरूपी हैं।
मङ्गलमयता की सीमा हैं भगवान।
वे संपूर्ण विद्याओं के स्वामी हैं।
समस्त चराचर के अधीश हैं।
वेद के स्वामी हैं।
ब्रह्मा जी के भी स्वामी हैं।
कल्याणस्वरूपी हैं।
भोलेनाथ सर्वदा मेरे साथ रहें।
तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
ॐ ह्रीं नमः शिवाय
उत्तंक सर्प यज्ञ करने राजा जनमेजय को उकसाते हैं
समस्याओं से मुक्ति के लिए शूलिनी दुर्गा मंत्र
दुं ज्वालामालिनि विद्महे महाशूलिनि धीमहि । तन्नो दुर्ग�....
Click here to know more..हेरंब स्तुति
देवेन्द्रमौलिमन्दार- मकरन्दकणारुणाः। विघ्नं हरन्तु हे�....
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