अभिमन्यु की पत्नी का नाम था उत्तरा।
उत्तरा मत्स्य देश के विराट नरेश की पुत्री थी।
अज्ञातवास के समय पाण्डव विराट नरेश के महल में ही वेश बदल कर रहते थे।
अर्जुन बृहन्नला नानक हिजडे के वेश में उत्तरा को नृत्य और संगीत आदि कलाएं सिखाते थे।
अज्ञातवास समाप्त होने पर पाण्डवों ने अपने पहचान का खुलासा किया।
उस समय विराट नरेश ने चाहा कि अर्जुन उत्तरा को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करें।
लेकिन अर्जुन ने बताया कि वे उत्तरा के गुरु थे।
शिष्या को पत्नी बनाने से लोक में गुरु-शिष्या संबन्ध की पवित्रता घट सकती है।
इसलिए अर्जुन ने अनुरोध किया कि उत्तरा का विवाह उनके पुत्र अभिमन्यु के साथ संपन्न किया जाएं।
विराट नरेश खुशी के साथ मान गये और इस प्रकार उत्तरा अभिमन्यु की पत्नी बन गयी।
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