गरुड के भाई हैं सूर्य का सारथी अरुण। अरुण के पुत्र हैं जटायु और सम्पाति जिनके बारे में रामायण में उल्लेख है। उनकी मां थी श्येनी।
जिस स्थान पर अभिमन्यु की मृत्यु चक्रव्यूह के अंदर हुई, उसे वर्तमान में अभिमन्युपुर के नाम से जाना जाता है। यह कुरूक्षेत्र शहर से 8 किमी की दूरी पर है। इसे पहले अमीन, अभिमन्यु खेड़ा और चक्रम्यु के नाम से जाना जाता था।
योगेश्वरी गौरी का मंत्र
ॐ ह्रीं गौरि रुद्रदयिते योगेश्वरि हुं फट् स्वाहा....
Click here to know more..यदि लोग पीड़ित हैं, तो भगवान रक्षक कैसे हुए?
यदि लोग पीड़ित हैं, तो भगवान रक्षक कैसे हुए?....
Click here to know more..भज गोविन्दम्
भज गोविन्दं भज गोविन्दं गोविन्दं भज मूढमते। संप्राप्ते �....
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