जब आप कहीं जाने के लिए निकलते हैं और आपको सामने से आता हुआ दंपति दिखाई देता है, तो आपका कार्य सफल होगा।
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः श्रीभगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्य, अद्य श्रीब्रह्मणो द्वितीय परार्धे श्वेतवराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे प्रथमे पादे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे......क्षेत्रे.....मासे....पक्षे......तिथौ.......वासर युक्तायां.......नक्षत्र युक्तायां अस्यां वर्तमानायां.......शुभतिथौ........गोत्रोत्पन्नः......नामाहं श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त-सत्फलावाप्त्यर्थं समस्तपापक्षयद्वारा सर्वारिष्टशान्त्यर्थं सर्वाभीष्टसंसिद्ध्यर्थं विशिष्य......प्राप्त्यर्थं सवत्सगोदानं करिष्ये।
मन का मत सुनो बुद्धि का सुनो कहती है गीता
मन का मत सुनो । बुद्धि का सुनो । कहती है गीता ।....
Click here to know more..ब्रह्माजी सृष्टि के प्रारंभ के बारे में कहते हैं
श्रीराम हृदय स्तोत्र
ततो रामः स्वयं प्राह हनुमन्तमुपस्थितम् । शृणु यत् त्वं ....
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