128.6K
19.3K

Comments

Security Code

93036

finger point right
इस परोपकारी कार्य में वेदधारा का समर्थन करते हुए खुशी हो रही है -Ramandeep

आपकी वेबसाइट बहुत ही मूल्यवान जानकारी देती है। -यशवंत पटेल

जो लोग पूजा कर रहे हैं, वे सच में पवित्र परंपराओं के प्रति समर्पित हैं। 🌿🙏 -अखिलेश शर्मा

वेदधारा सनातन संस्कृति और सभ्यता की पहचान है जिससे अपनी संस्कृति समझने में मदद मिल रही है सनातन धर्म आगे बढ़ रहा है आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 -राकेश नारायण

वेदधारा से जब से में जुड़ा हूं मुझे अपने जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिला वेदधारा के विचारों के माध्यम से हिंदू समाज के सभी लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए। -नवेंदु चंद्र पनेरु

Read more comments

Knowledge Bank

आगम और तंत्र: व्यावहारिक दर्शन

आगम और तंत्र व्यावहारिक दर्शन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसका मतलब है कि वे रोज़मर्रा की ज़िंदगी और आध्यात्मिक प्रथाओं का मार्गदर्शन करते हैं। आगम वे ग्रंथ हैं जो मंदिर के अनुष्ठान, निर्माण, और पूजा को कवर करते हैं। वे सिखाते हैं कि मंदिर कैसे बनाएं और अनुष्ठान कैसे करें। वे यह भी बताते हैं कि देवताओं की पूजा कैसे करें और पवित्र स्थानों को कैसे बनाए रखें। तंत्र आंतरिक प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इनमें ध्यान, योग, और मंत्र शामिल हैं। तंत्र व्यक्तिगत आध्यात्मिक विकास का मार्गदर्शन करते हैं। वे सिखाते हैं कि दिव्य ऊर्जा से कैसे जुड़ें। आगम और तंत्र दोनों ज्ञान के अनुप्रयोग के बारे में हैं। वे लोगों को आध्यात्मिक रूप से पूर्ण जीवन जीने में मदद करते हैं। ये ग्रंथ केवल सैद्धांतिक नहीं हैं। वे चरण-दर-चरण निर्देश प्रदान करते हैं। आगम और तंत्र का पालन करके, हम आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त कर सकते हैं। वे जटिल विचारों को सरल और क्रियान्वित करने योग्य बनाते हैं। यह व्यावहारिक दृष्टिकोण उन्हें दैनिक जीवन में मूल्यवान बनाता है। आगम और तंत्र आध्यात्मिकता को समझने और अभ्यास करने की कुंजी हैं।

चार्वाक दर्शन के अनुसार जीवन का लक्ष्य क्या है?

चार्वाक दर्शन के अनुसार जीवन का सबसे बडा लक्ष्य सुख और आनंद को पाना होना चाहिए।

Quiz

उस नागमाता का नाम क्या है जिन्होंने समुद्र लंघन के समय हनुमानजी की परीक्षा ली थी ?

हम साधना क्यों करते हैं? भगवत प्राप्ति के लिए। क्या है भगवत प्राप्ति? आप जिस भी देवता की साधना करते हो बिलकुल उनके जैसे हो जाना। आपने नाग बाबाओं को देखा होगा जो शंकर जी के उपासक हैं। वे उनके जैसे ही जटा धारण करते हैं। ....

हम साधना क्यों करते हैं?
भगवत प्राप्ति के लिए।
क्या है भगवत प्राप्ति?
आप जिस भी देवता की साधना करते हो बिलकुल उनके जैसे हो जाना।
आपने नाग बाबाओं को देखा होगा जो शंकर जी के उपासक हैं।
वे उनके जैसे ही जटा धारण करते हैं।
सारे शरीर मे भस्म लगाते हैं।
यह तो तन से; तन से, मन से, बुद्धि से जब आप पूर्ण रूप से आपके इष्ट देवता जैसे हो जाओगे तो आपकी साधना सफल हो गयी, सिद्ध हो गयी।
यही साधना का उद्देश्य है।
यह भववत स्वरूप आपके अन्दर पहले से ही विद्यमान है।
बस वह वासनाएं, कामनाएं, अज्ञान, अहंकार, मुझे सर्वदा सुख ही सुख मिलते रहें, मुझे मान सम्मान मिलें इन विचारों से, इन सबसे वह भगवत स्वरूप छादित हो जाता है।
यह अंगार के ऊपर जैसे राख जम जाती है, या दर्पण के ऊपर मैल जम जाता है उस प्रकार है।
इस राख को हटाना, इस मैल को साफ करना, यही साधना है।
साधना के हर अंग, हर तरह की साधना इसी के लिए है।
जब मैल निकल जाएगा तो भववत स्वरूप स्वयं प्रकाशित हो जाएगा।
आपके तन में, मन में बुद्धि में भगवान के असीम गुण प्रकाशित होने लगेंगे।
अपके द्वारा ये प्रवृत्त होने लगेंगे।
उसके बाद आप सिर्फ वे ही कार्य करेंगे जो भगवत हित में हो, जो भगवान चाहते हैं।
भगवान गीता मे कहते हैं न?
मत्कर्मकृन्मत्परमो मद्भक्तः।
ये मेरे ही काम को करेंगे, जो मैं चाहता हूं।
इसलिए स्नान, संयम, पूजा, पाठ, सत्संग, सेवा ये सब हर साधना पद्धति के अन्तर्गत हैं।
इन सबसे चित्त शुद्धि की प्राप्ति होती है।
ध्यान करने से, भगवत स्मरण करने से भववत प्राप्ति की ओर यह आन्तरिक प्रयाण और भी शीघ्र हो जाता है।
साधना सिद्ध हो जाने पर सारा जगत भगवान के ही लीला स्वरूप मे दिखाई देने लगेगा।
भगवान ही हर प्राणी के अन्दर हर वस्तु के अन्दर रहकर उनका नियंत्रण करके वे जो चाहते हैं वही करा रहे हैं, ऐसे दिखाई देगा।
हर प्राणी के अन्दर से हर वस्तु के अन्दर से एक ही सूत जा रहा है और वह सूत इन सबको एक सुन्दर हार जैसे समाकर रखा है, ऐसे दिखाई देगा।
जो कुछ भी हो रहा भगवान के हित के अनुसार ही हो रहा है, ऐसे समझ में आएगा।
यही साधना की सिद्धि है।

Recommended for you

कष्टों को दूर करने के लिए हनुमान मंत्र

कष्टों को दूर करने के लिए हनुमान मंत्र

कष्टों को दूर करने के लिए हनुमान मंत्र....

Click here to know more..

स्वास्थ्य के लिए हनुमान जी का मंत्र

स्वास्थ्य के लिए हनुमान जी का मंत्र

ॐ हं हनुमते मुख्यप्राणाय नमः....

Click here to know more..

वेंकटेश द्वादश नाम स्तोत्र

वेंकटेश द्वादश नाम स्तोत्र

अस्य श्रीवेङ्कटेशद्वादशनामस्तोत्रमहामन्त्रस्य। ब्रह�....

Click here to know more..