सुपुष्ट सुंदर और दूध देने वाली गाय को बछडे के साथ दान में देना चाहिए। न्याय पूर्वक कमायी हुई धन से प्राप्त होनी चाहिए गौ। कभी भी बूढी, बीमार, वंध्या, अंगहीन या दूध रहित गाय का दान नही करना चाहिए। गाय को सींग में सोना और खुरों मे चांदी पहनाकर कांस्य के दोहन पात्र के साथ अच्छी तरह पूजा करके दान में देते हैं। गाय को पूरब या उत्तर की ओर मुह कर के खडा करते हैं और पूंछ पकडकर दान करते हैं। स्वीकार करने वाला जब जाने लगता है तो उसके पीछे पीछे आठ दस कदम चलते हैं। गोदान का मंत्र- गवामङ्गेषु तिष्ठन्ति भुवनानि चतुर्दश। तस्मादस्याः प्रदानेन अतः शान्तिं प्रयच्छ मे।
ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, वायु पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, लिङ्ग पुराण, वराह पुराण, स्कन्द पुराण, वामन पुराण, कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण, गरुड पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण।
त्रिपुर सुंदरी मंत्र के माध्यम से शक्ति और अनुग्रह
ॐ क्लीं क्लीं क्लीं श्रीं श्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं �....
Click here to know more..देव-दैत्य-दानव- ये सब कौन हैं?
नवग्रह स्तुति
भास्वान् मे भासयेत् तत्त्वं चन्द्रश्चाह्लादकृद्भवेत्�....
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