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वेद पाठशालाओं और गौशालाओं का समर्थन करके आप जो प्रभाव डाल रहे हैं उसे देखकर खुशी हुई -समरजीत शिंदे

आपकी मेहनत से सनातन धर्म आगे बढ़ रहा है -प्रसून चौरसिया

यह वेबसाइट ज्ञान का अद्वितीय स्रोत है। -रोहन चौधरी

वेदधारा चैनल पर जितना ज्ञान का भण्डार है उतना गुगल पर सर्च करने पर सटीक जानकारी प्राप्त नहीं हो सकती है। बहुत ही सराहनीय कदम है -प्रमोद कुमार

शास्त्रों पर गुरुजी का मार्गदर्शन गहरा और अधिकारिक है 🙏 -Ayush Gautam

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इल्वल और वातापी कौन थे?

स्कंद पुराण के अनुसार इल्वल और वातापी ऋषि दुर्वासा और अजमुखी के पुत्र हैं। उन्होंने अपने पिता से कहा कि वे अपनी सारी शक्ति उन्हें दे दें । दुर्वासा को क्रोध आ गया और उन्होंने श्राप दिया कि वे अगस्त्य के हाथों मर जाएंगे।

महर्षि मार्कंडेय: भक्ति की शक्ति और अमर जीवन

मार्कंडेय का जन्म ऋषि मृकंडु और उनकी पत्नी मरुद्मति के कई वर्षों की तपस्या के बाद हुआ था। लेकिन, उनका जीवन केवल 16 वर्षों के लिए निर्धारित था। उनके 16वें जन्मदिन पर, मृत्यु के देवता यम उनकी आत्मा लेने आए। मार्कंडेय, जो भगवान शिव के परम भक्त थे, शिवलिंग से लिपटकर श्रद्धा से प्रार्थना करने लगे। उनकी भक्ति से प्रभावित होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उन्हें अमर जीवन का वरदान दिया, और यम को पराजित किया। यह कहानी भक्ति की शक्ति और भगवान शिव की कृपा को दर्शाती है।

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जंगलीनाथ बाबा का दरबार कहां स्थित है ?

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बम लहरी

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का त्वं शुभकरे सुखदुःखहस्ते त्वाघूर्णितं भवजलं प्रबलोर....

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