एक सम्राट था वेन। बडा अधर्मी और चरित्रहीन। महर्षियों ने उसे शाप देकर मार दिया। उसके बाद अराजकता न फैलें इसके लिए महर्षियों ने वेन के शरीर का मंथन करके राजा पृथु को उत्पन्न किया। तब तक अत्याचार से परेशान भूमि देवी ने सारे जीव जालों को अपने अंदर खींच लिया था। उन्हें वापस करने के लिए राजा ने कहा तो भूमि देवी नही मानी। राजा ने अपना धनुष उठाया तो भूमि देवी एक गाय बनकर भाग गयी। राजा ने तीनों लोकों में उसका पीछा किया। गौ को पता चला कि यह तो मेरा पीछा छोडने वाला नहीं है। गौ ने राजा को बताया कि जो कुछ भी मेरे अंदर हैं आप मेरा दोहन करके इन्हें बाहर लायें। आज जो कुछ भी धरती पर हैं वे सब इस दोहन के द्वारा ही प्राप्त हुए।
ऐतिह्य उन पारंपरिक वृत्तांतों या किंवदंतियों को संदर्भित करती है जो किसी विशिष्ट व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराए बिना पीढ़ियों से चली आ रही हैं। इन्हें विद्वानों और समुदाय द्वारा व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है और कायम रखा जाता है, जो सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का एक हिस्सा है।
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