110.8K
16.6K

Comments

Security Code

34631

finger point right
जय माधव आपकी वेबसाइट शानंदार है सभी लोगो को इससे लाभ होगा। जय श्री माधव -Gyan Prakash Awasthi

वेदधारा ने मेरी सोच बदल दी है। 🙏 -दीपज्योति नागपाल

आपकी वेबसाइट बहुत ही मूल्यवान जानकारी देती है। -यशवंत पटेल

वेद पाठशालाओं और गौशालाओं के लिए आप जो कार्य कर रहे हैं उसे देखकर प्रसन्नता हुई। यह सभी के लिए प्रेरणा है....🙏🙏🙏🙏 -वर्षिणी

सनातन धर्म के प्रति आपका प्रयास, अतुलनीय, और अद्भुत हे, आपके इस प्रयास के लिए कोटि कोटि नमन🙏🙏🙏 -User_smb31x

Read more comments

Knowledge Bank

लंका का इतिहास

पुरानी लंका का इतिहास हेति नामक राक्षस से शुरू होता है, जो ब्रह्मा के क्रोध से उत्पन्न हुआ था। उसका एक पुत्र था विद्युतकेश। विद्युतकेश ने सालकटंका से विवाह किया, और उनके पुत्र सुकेश को एक घाटी में छोड़ दिया गया। शिव और पार्वती ने उसे आशीर्वाद दिया और धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी। सुकेश ने देववती से विवाह किया, और उनके तीन पुत्र हुए: माल्यवान, सुमाली और माली। शिव के आशीर्वाद से, तीनों ने तपस्या से शक्ति प्राप्त की और ब्रह्मा से तीनों लोकों पर विजय प्राप्त करने का वरदान पाया। उन्होंने त्रिकूट पर्वत पर लंका नगर बसाया और अपने पिता के मार्ग के बजाय लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया। मय नामक एक वास्तुकार ने इस नगर का निर्माण किया। जब राक्षसों ने देवताओं को परेशान किया, तो वे शिव के पास गए, जिन्होंने उन्हें विष्णु से सहायता लेने के लिए कहा। विष्णु ने माली का वध किया और हर दिन अपना सुदर्शन चक्र लंका भेजकर राक्षसों के समूह को मारते रहे। लंका राक्षसों के लिए असुरक्षित हो गई और वे पाताल भाग गए। बाद में कुबेर लंका में बस गए और इसके शासक बने। हेति के साथ एक यक्ष भी उत्पन्न हुआ था। उसके वंशज लंका में आकर बसे। वे धर्मशील थे और जब कुबेर लंका आए, तो उन्होंने उन्हें अपना नेता मान लिया।

गण्डान्त दोष क्या है?

गण्डान्त तीन प्रकार के हैं: नक्षत्र-गण्डान्त , राशि-गण्डान्त, तिथि-गण्डान्त। अश्विनी, मघा, मूल इन तीन नक्षत्रों के प्रथम चरण; रेवती, आश्लेषा, ज्येष्ठा इन तीन नक्षत्रों के अन्तिम चरण; ये हुए नक्षत्र-गण्डान्त। मेष, सिंह, धनु इन तीन राशियों की प्रथम घटिका; कर्क, वृश्चिक, मीन इन तीन राशियों की अंतिम घटिका; ये हुए राशि गण्डान्त। अमावास्या, पूर्णिमा, पञ्चमी, दशमी इन चार तिथियों की अंतिम तीन घटिका; प्रतिपदा, षष्ठी, एकादशी इन तीन तिथियों की प्रथम तीन घटिका; ये हुए तिथि-गण्डान्त। गण्डान्तों में जन्म अशुभ माना जाता है। गण्डान्तों में शुभ कार्यों को करना भी वर्जित है।

Quiz

पुष्कर किस देवता का स्थान है ?

Recommended for you

स्तोत्र या भजन गाते हुए खाना पकाना स्वास्थ्य के लिये अच्छा होता है

स्तोत्र या भजन गाते हुए खाना पकाना स्वास्थ्य के लिये अच्छा होता है

स्तोत्र या भजन गाते हुए खाना पकाना स्वास्थ्य के लिये अच्�....

Click here to know more..

पातिव्रत्य की महिमा

पातिव्रत्य की महिमा

Click here to know more..

कमला अष्टक स्तोत्र

कमला अष्टक स्तोत्र

न्यङ्कावरातिभयशङ्काकुले धृतदृगङ्कायतिः प्रणमतां शङ्क....

Click here to know more..