पुरूरवा बुध और इला (सुद्युम्न) का पुत्र है।
श्राद्धात् परतरं नान्यच्छ्रेयस्करमुदाहृतम् । तस्मात् सर्वप्रयत्नेन श्राद्धं कुर्याद् विचक्षणः ॥ (हेमाद्रिमें सुमन्तुका वचन) श्राद्धसे बढ़कर कल्याणकारी और कोई कर्म नहीं होता । अतः प्रयत्नपूर्वक श्राद्ध करते रहना चाहिये।
सुरक्षा के लिए भगवद गीता से श्री कृष्ण मंत्र
स्थाने हृषीकेश तव प्रकीर्त्या जगत् प्रहृष्यत्यनुरज्यत�....
Click here to know more..पढाई में सफलता के लिए भगवान हयग्रीव की मानस पूजा
नरसिंह स्तुति
वृत्तोत्फुल्लविशालाक्षं विपक्षक्षयदीक्षितम्। निनादत�....
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