भरत का जन्म राजा दुष्यन्त और शकुन्तला के पुत्र के रूप में हुआ। एक दिन, राजा दुष्यन्त ने कण्व ऋषि के आश्रम में शकुन्तला को देखा और उनसे विवाह किया। शकुन्तला ने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम भरत रखा गया। भरत का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। उनके नाम पर ही भारत देश का नाम पड़ा। भरत को उनकी शक्ति, साहस और न्यायप्रियता के लिए जाना जाता है। वे एक महान राजा बने और उनके शासनकाल में भारत का विस्तार और समृद्धि हुई।
इति हैवमासिदिति यः कथ्यते स इतिहासः - यह इंगित करता है कि 'इतिहास' शब्द का प्रयोग उन वृत्तांतों के लिए किया जाता है जिन्हें ऐतिहासिक सत्य के रूप में स्वीकार किया जाता है। रामायण और महाभारत 'इतिहास' हैं और कल्पना या कल्पना की उपज नहीं हैं। इन महाकाव्यों को प्राचीन काल में घटित घटनाओं के तथ्यात्मक पुनर्कथन के रूप में माना जाता है।