ॐ आरिक्षीणियम् वनस्पतियायाम् नमः । बहुतेन्द्रीयम् ब्रहत् ब्रहत् आनन्दीतम् नमः । पारवितम नमामी नमः । सूर्य चन्द्र नमायामि नमः । फुलजामिणी वनस्पतियायाम् नमः । आत्मानियामानि सद् सदु नमः । ब्रम्ह विषणु शिवम् नमः । पवित्र पावन जलम नमः । पवन आदि रघुनन्दम नमः । इति सिद्धम् ।
क्रोध आदि तीव्र भावनाओं के प्रभाव में लिए गए संकल्प या प्रतिज्ञा का धर्म की दृष्टि में कोई मूल्य नहीं है। ऐसी प्रतिज्ञाओं को तोड़ने का कोई परिणाम नहीं होता।
गुरुदेवाय विद्महे वेदवेद्याय धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात्....
गुरुदेवाय विद्महे वेदवेद्याय धीमहि तन्नो गुरुः प्रचोदयात्
हर अवस्था को पार करने के लिए गणेश का बाधाओं को दूर करने वाला मंत्र
ॐ गां गीं गूं गैं गौं गः द्विदन्तविनायकाय नमः । ॐ गां गीं....
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नारायण कवच
अथ श्रीनारायणकवचम्। राजोवाच। यया गुप्तः सहस्राक्षः सवा....
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