मूल मंत्र:
तत्पुरुषाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नः स्कन्दः प्रचोदयात्
अर्थ:
हम उस सर्वोच्च पुरुष का ध्यान करते हैं, जो अपने हाथ में शक्ति (भाला) धारण करते हैं। वह स्कंद (कार्तिकेय) हमें प्रेरित और मार्गदर्शित करें।
मंत्र सुनने के लाभ:
स्कंद गायत्री मंत्र सुनने से कई लाभ होते हैं। यह ध्यान और मानसिक स्पष्टता को सुधारता है। यह भगवान कार्तिकेय का आह्वान करता है, जो अपनी शक्ति और सुरक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं। इसे सुनने से साहस में वृद्धि होती है और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है। यह मन को शांति देता है और चिंता कम करने में सहायक होता है। इस मंत्र का नियमित श्रवण आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति लाता है। यह हमें दिव्य ऊर्जा से जोड़ता है, जिससे जीवन में संतुलन और कल्याण प्राप्त होता है।
गाय को मारना ब्रह्महत्या के समान है। गाय को मारनेवाला कालसूत्र नामक नरक में जाता है। गाय को डंडे मारने वाले के हाथ काटे जाएंगे यमलोक में। जिस देश में गोहत्या होती है वह देश प्रगति नहीं करती है। वहां के लोग निष्ठुर, पापी, तामसिक और शूरता से रहित बन जाते हैं।
आर्यावर्त आर्य संस्कृति का केंद्र था। इसकी मूल सीमाएँ थीं - उत्तर में कुरुक्षेत्र, पूर्व में गया, दक्षिण में विरजा (जाजपुर, ओडिशा), और पश्चिम में पुष्कर।
गणेश बीज मंत्र
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