२१,८७० रथ, २१,८७० हाथी, ६५, ६१० घुड़सवार एवं १,०९,३५० पैदल सैनिकों के समूह को अक्षौहिणी कहते हैं।
वेरावल, गुजरात के पास भालका तीर्थ में श्री कृष्ण ने अपना भौतिक शरीर त्याग दिया था। इसके बाद भगवान वैकुण्ठ को चले गये। भगवान के शरीर का अंतिम संस्कार उनके प्रिय मित्र अर्जुन ने भालका तीर्थ में किया था।
दुश्च्यवनाय विद्महे सहस्राक्षाय धीमहि तन्नः शक्रः प्रचोदयात्....
दुश्च्यवनाय विद्महे सहस्राक्षाय धीमहि तन्नः शक्रः प्रचोदयात्