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Pranam guruwar🙏aapke esvedadhara ko mai roj pathan karti hu.bahut hi shanti milti hai.🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 -Shanti S.Bhatkar from Sindhudurg

अद्वितीय website -श्रेया प्रजापति

आपकी वेबसाइट बहुत ही विशिष्ट और ज्ञानवर्धक है। 🌞 -आरव मिश्रा

आपको धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद -Ghanshyam Thakar

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 -मदन शर्मा

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पुरुहूताय विद्महे देवराजाय धीमहि तन्नः शक्रः प्रचोदयात्

हम पुरुहूता को जानते हैं (जो बहुतों द्वारा आह्वान किए जाते हैं),

हम देवराज पर ध्यान करते हैं (देवताओं के राजा),

वह इन्द्र हमें प्रेरित करें।

 

इस मंत्र को सुनने से भगवान इन्द्र की कृपा प्राप्त होती है,

जो देवताओं के राजा हैं।

यह नेतृत्व गुणों को मजबूत करता है और साहस प्रदान करता है।

यह चुनौतियों को पार करने में मदद करता है, मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता लाता है।

मंत्र से सुनने वाले में ऊर्जा का संचार होता है, जो शक्ति और दृढ़ निश्चय को बढ़ाता है।

यह सफलता दिलाने और नकारात्मकता से रक्षा करने में सहायक हो सकता है।

 
 

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शिव जी को अद्वितीय क्यों कहते हैं?

क्यों कि शिव जी ही ब्रह्मा के रूप में सृष्टि, विष्णु के रूप में पालन और रुद्र के रूप में संहार करते हैं।

What is Utsadana practiced in the context of the 64 Arts?

Utsadana involves healing or cleansing a person with perfumes.

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स्मृति के अनुसार दंपति प्रातः और सायंकाल में करने वाले हवन का नाम क्या है?

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