इस मंदिर का शिवलिंग हर साल चावल नुमा आकार में बढता रहता है।
गंधमादन वह पर्वत है जहाँ बदरिकाश्रम और नर-नारायण आश्रम स्थित हैं। (महाभारत.वनपर्व.141.22-23)
लम्बोदराय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्....
लम्बोदराय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि
तन्नो दन्ती प्रचोदयात्
नेतृत्व गुणों के लिए कार्तिकेय मंत्र
तत्पुरुषाय विद्महे महासेनाय धीमहि तन्नः षण्मुखः प्रचोद....
Click here to know more..व्यासजी भी महामाया प्रभाव से बेवश
एक श्लोकी नवग्रह स्तोत्र
आधारे प्रथमे सहस्रकिरणं ताराधवं स्वाश्रये माहेयं मणिपू....
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