कृत युग में - त्रिपुरसुंदरी, त्रेता युग में - भुवनेश्वरी, द्वापर युग में - तारा, कलि युग में - काली।
जब आप कहीं जाने के लिए निकलते हैं और आपको कोई फल लेकर आता हुआ व्यक्ति दिखाई देता है, तो आपका कार्य सफल होगा।
अग्ने नय सुपथा राये अस्मान् विश्वानि देव वयुनानि विद्वान्। युयोध्यस्मज्जुहुराणमेनो भूयिष्ठां ते नम उक्तिं विधेम ॥....
अग्ने नय सुपथा राये अस्मान् विश्वानि देव वयुनानि विद्वान्।
युयोध्यस्मज्जुहुराणमेनो भूयिष्ठां ते नम उक्तिं विधेम ॥
सुख कर्ता दुख हर्ता - आरती
सुख करता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची नूर्वी पूर्वी प्रेम क....
Click here to know more..अथर्ववेद का रुद्र सूक्त
भवाशर्वौ मृडतं माभि यातं भूतपती पशुपती नमो वाम् । प्रति�....
Click here to know more..बाल मुकुंद पंचक स्तोत्र
अव्यक्तमिन्द्रवरदं वनमालिनं तं पुण्यं महाबलवरेण्यमना�....
Click here to know more..