श्रीकृष्ण के संग पाने के लिए श्री राधारानी की सेवा, वृन्दावन की सेवा और भगवान के भक्तों की सेवा अत्यन्त आवश्यक हैं। इनको किए बिना श्री राधामाधव को पाना केवल दुराशा मात्र है।
श्रीमद्भागवत के अनुसार, जब भगवान शिव समुद्र मंथन के दौरान निकले हालाहल विष को पी रहे थे, तो उनके हाथ से थोड़ा सा छलक गया। यह सांपों, अन्य जीवों और जहरीली वनस्पतियों में जहर बन गया।
स्वस्तितं मे सुप्रातः सुसायं सुदिवं सुमृगं सुशकुनं मे अस्तु । सुहवमग्ने स्वस्त्यऽमर्त्यं गत्वा पुनरायाभिनन्दन् ॥....
स्वस्तितं मे सुप्रातः सुसायं सुदिवं सुमृगं सुशकुनं मे अस्तु ।
सुहवमग्ने स्वस्त्यऽमर्त्यं गत्वा पुनरायाभिनन्दन् ॥
दूसरों के साथ अच्छे अनुभव के लिए बुध मंत्र
ॐ सोमात्मजाय विद्महे सौम्यरूपाय धीमहि| तन्नो बुधः प्रचो....
Click here to know more..इस युद्ध से मुझे कुछ भी नहीं पाना है- कहता है अर्जुन
गणेश पंचरत्न स्तोत्र
मुदा करात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं कलाधरावतंसकं विलास�....
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