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वेदधारा की समाज के प्रति सेवा सराहनीय है 🌟🙏🙏 - दीपांश पाल

इन मंत्रों से मेरा जीवन बदल गया है। 🙏 -मधुकर यादव

बहुत लाभ हो रहा है ️️️️️️️️️️️️.. बहुत बहुत धन्यवाद -उदित त्यागी

बहुत बहुत धन्यवाद -User_se0353

सनातन धर्म के भविष्य के लिए वेदधारा का योगदान अमूल्य है 🙏 -श्रेयांशु

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मधु वाता ऋतायते मधु क्षरन्ति सिन्धवः।
माध्वीर्नः सन्त्वोषधीः ।
मधु नक्तमुतोषसि मधुमत्पार्थिवँ रजः।
मधु द्यौरस्तु नः पिता॥
मधुमान्नो वनस्पतिर्मधुमाँ अस्तु सूर्यः।
माध्वीर्गावो भवन्तु नः॥

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श्राद्ध से समस्त प्राणियों की तृप्ति

श्राद्ध से केवल अपने पितरों की ही संतृप्ति नहीं होती, अपितु जो व्यक्ति विधिपूर्वक अपने धनके अनुरूप श्राद्ध करता है, वह ब्रह्मा से लेकर घास तक समस्त प्राणियों को संतृप्त कर देता है। - ब्रह्मपुराण

सूत और शूद्र में क्या अंतर है?

शूद्र चातुर्वर्ण्य व्यवस्था का एक वर्ण है। सूत ब्राह्मण स्त्री में उत्पन्न क्षत्रिय की सन्तान है । वर्ण व्यवस्था के अनुसार सूत का स्थान क्षत्रियों के नीचे और वैश्यों के ऊपर था पेशे से ये पुराण कथावाचक और सारथी होते थे।

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अथर्व वेद से संबंधित ब्राह्मण ग्रंथ कौन सा है ?

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