महर्षि पतंजलि के योग शास्त्र में आठ अंग हैं- १.यम २. नियम ३. आसन ४. प्राणायाम ५. प्रत्याहार ६. धारण ७. ध्यान ८. समाधि।
अनाहत चक्र में पिनाकधारी भगवान शिव विराजमान हैं। अनाहत चक्र की देवी है काकिनी जो हंसकला नाम से भी जानी जाती है।
दूसरों के दोष निकालने और फैलाने में दुष्ट जनों के हज़ारों में कान, आखें और मुँह होते हैं
अभिमन्यु
अभिमन्यु का जन्म, पूर्व जन्म. बाल्य, विवाह, कुरुक्षेत्र यु....
Click here to know more..शनैश्चर द्वादश नाम स्तोत्र
नित्यं नीलाञ्जनप्रख्यम् नीलवर्णसमस्रजम्। छायामार्तण्....
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