ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्तये मह्यं मेधां प्रज्ञां प्रयच्छ स्वाहा।
हाँ। यादवों ने आपस में लडकर और एक दूसरे को मार डाला। कृष्ण वैकुण्ठ लौट गये। अर्जुन ने शेष निवासियों को द्वारका से बाहर निकाला। तब द्वारका समुद्र में डूबी।
शिव जी का प्रिय मंत्र है - नमः शिवाय । इसे पंचाक्षर मंत्र कहते हैं । इस मंत्र को ॐ के साथ - ॐ नमः शिवाय के रूप में भी जपते हैं ।
चार प्रकार के भक्तों में आर्त भक्त के बारे में जानिये
शिव महिम्न स्तोत्र - अर्थ सहित
पुष्पदन्ताचार्य शिव की प्रार्थना करने लगे। हे हर ! ब्रह्�....
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कालाभ्रोत्पलकाल- गात्रमनलज्वालोर्ध्व- केशोज्ज्वलं दंष�....
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