भस्म धारण करने से हम भगवान शिव से जुड़ते हैं, परेशानियों से राहत मिलती है और आध्यात्मिक संबंध बढ़ता है।
शिव और शक्ति एक ही सिक्के के दो पहलू जैसे हैं। जैसे चन्द्रमा के बिना चांदनी नहीं, चांदनी के बिना चन्द्रमा नहीं; शिव के बिना शक्ति नहीं और शक्ति के बिना शिव नहीं।
अन्तरिक्षचरा देवी सर्वालङ्कारभूषिता । अयोमुखी तीक्ष्णतुण्डा शकुनी ते प्रसीदतु ॥ दुर्दर्शना महाकाया पिङ्गाक्षी भैरवस्वरा । लम्बोदरी शङ्कुकर्णी शकुनी ते प्रसीदतु....
अन्तरिक्षचरा देवी सर्वालङ्कारभूषिता । अयोमुखी तीक्ष्णतुण्डा शकुनी ते प्रसीदतु ॥
दुर्दर्शना महाकाया पिङ्गाक्षी भैरवस्वरा । लम्बोदरी शङ्कुकर्णी शकुनी ते प्रसीदतु
विश्व सिर्फ उनके लिए मिथ्या है जो नहीं जानते कि विश्व श्रीरामजी का ही शरीर है
भगवान विष्णु कैसे देवी के अधीन रहते हैं?
जानिए- भगवान विष्णु कैसे देवी के अधीन रहते हैं? त्रिदेव कि....
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श्रीरामचन्द्रं सततं स्मरामि राजीवनेत्रं सुरवृन्दसेव्�....
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