पांच - विष्णुप्रयाग, नन्दप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग । प्रयागराज इन पांचों का मिलन स्थान माना जाता है ।
सफेद कपड़े पहने, मीठे और सुखद शब्द बोलने वाला सुंदर पुरुष, यात्रा के दौरान या प्रवेश पर सफलता लाता है। इसी प्रकार सजी हुई महिलाएं भी सफलता लाती हैं। इसके विपरीत, बिखरे हुए बाल, घमंडी, विकलांग अंगों वाले, नग्न, तेल में लिपटे, मासिक धर्म, गर्भवती, रोगी, मलयुक्त, पागल या जटाओं वाले लोगों को देखना अशुभ होता है।
पानी की कमी से निपटने के लिए मंत्र
इदं जनासो विदथ महद्ब्रह्म वदिष्यति । न तत्पृथिव्यां नो �....
Click here to know more..श्रीरामजी ज्ञानानन्दमय हैं
हनुमान अष्टोत्तर शतनामावलि
ॐ आञ्जनेयाय नमः। ॐ महावीराय नमः। ॐ हनूमते नमः। ॐ मारुतात�....
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