102.4K
15.4K

Comments

Security Code

54518

finger point right
जय सनातन जय सनातनी 🙏 -विकाश ओझा

व्यापार में सफलता और लाभ तथा प्रेम, भय से सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हूं 🙏🙏 -शांतिदेवी

यह मंत्र मेरे लिए चमत्कारिक है ✨ -nitish barkeshiya

फ़ायदा हो रहा है ....धन्यवाद....🙏🙏🙏🙏🙏 -सुनील

वेदधारा के कार्यों से हिंदू धर्म का भविष्य उज्जवल दिखता है -शैलेश बाजपेयी

Read more comments

शान्ता द्यौः शान्ता पृथिवी शान्तमिदमुर्वन्तरिक्षम् ।
शान्ता उदन्वतीरापः शान्ता नः सन्त्वोषधीः ॥१॥
शान्तानि पूर्वरूपाणि शान्तं नो अस्तु कृताकृतम् ।
शान्तं भूतं च भव्यं च सर्वमेव शमस्तु नः ॥२॥
इयं या परमेष्ठिनी वाग्देवी ब्रह्मसंशिता ।
ययैव ससृजे घोरं तयैव शान्तिरस्तु नः ॥३॥
इदं यत्परमेष्ठिनं मनो वां ब्रह्मसंशितम् ।
येनैव ससृजे घोरं तेनैव शान्तिरस्तु नः ॥४॥
इमानि यानि पञ्चेन्द्रियानि मनःषष्ठानि मे हृदि ब्रह्मणा संशितानि ।
यैरेव ससृजे घोरं तैरेव शान्तिरस्तु नः ॥५॥
शं नो मित्रः शं वरुणः शं विष्णुः शं प्रजापतिः ।
शं न इन्द्रो बृहस्पतिः शं नो भवत्वर्यमा ॥६॥
शं नो मित्रः शं वरुणः शं विवस्वां छमन्तकः ।
उत्पाताः पार्थिवान्तरिक्षाः शं नो दिविचरा ग्रहाः ॥७॥
शं नो भूमिर्वेप्यमाना शमुल्का निर्हतं च यत्।
शं गावो लोहितक्षीराः शं भूमिरव तीर्यतीः ॥८॥
नक्षत्रमुल्काभिहतं शमस्तु नः शं नोऽभिचाराः शमु सन्तु कृत्याः ।
शं नो निखाता वल्गाः शमुल्का देशोपसर्गाः शमु नो भवन्तु ॥९॥
शं नो ग्रहाश्चान्द्रमसाः शमादित्यश्च राहुणा ।
शं नो मृत्युर्धूमकेतुः शं रुद्रास्तिग्मतेजसः ॥१०॥
शं रुद्राः शं वसवः शमादित्याः शमग्नयः ।
शं नो महर्षयो देवाः शं देवाः शं बृहस्पतिः ॥११॥
ब्रह्म प्रजापतिर्धाता लोका वेदाः सप्तऋषयोऽग्नयः ।
तैर्मे कृतं स्वस्त्ययनमिन्द्रो मे शर्म यच्छतु ब्रह्मा मे शर्म यच्छतु ।
विश्वे मे देवाः शर्म यच्छन्तु सर्वे मे देवाः शर्म यच्छन्तु ॥१२॥
यानि कानि चिच्छान्तानि लोके सप्तऋषयो विदुः ।
सर्वाणि शं भवन्तु मे शं मे अस्त्वभयं मे अस्तु ॥१३॥
पृथिवी शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिर्द्यौः शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिर्वनस्पतयः शान्तिर्विश्वे मे देवाः शान्तिः सर्वे मे देवाः शान्तिः शान्तिः शान्तिः शान्तिभिः ।
यदिह घोरं यदिह क्रूरं यदिह पापं तच्छान्तं तच्छिवं सर्वमेव शमस्तु नः ॥१४॥

Knowledge Bank

शिव जी पर फूल चढाने का फल​

शास्त्रों ने शिव जी पर कुछ फूलों के चढ़ाने से मिलनेवाले फल का तारतम्य बतलाया है, जैसे दस सुवर्ण-मापके बराबर सुवर्ण-दानका फल एक आक के फूल को चढ़ाने से मिल जाता है। हजार आकके फूलों की अपेक्षा एक कनेर का फूल, हजार कनेर के फूलों के चढ़ाने की अपेक्षा एक बिल्वपत्र से फल मिल जाता है और हजार बिल्वपत्रों की अपेक्षा एक गूमाफूल (द्रोण-पुष्प) होता है। इस तरह हजार गूमा से बढ़कर एक चिचिडा, हजार चिचिडों- (अपामार्गों ) से बढ़कर एक कुश फूल, हजार कुश- पुष्पों से बढ़कर एक शमी का पत्ता, हजार शमी के पत्तों से बढ़कर एक नीलकमल, हजार नीलकमलों से बढ़कर एक धतूरा, हजार धतूरों से बढ़कर एक शमी का फूल होता है। अन्त में बतलाया है कि समस्त फूलोंकी जातियोंमें सब से बढ़कर नीलकमल होता है ।

नमस्ते बनाम हाथ मिलाना

व्यक्तिगत रूप से अगर मैं भारत का निवासी होता तो मैं कोई भी विदेशी प्रथा को तभी अपनाता जब मैं संतुष्ट होता कि मुझे ऐसा करना चाहिए। निश्चित रूप से मैं भारतीय अभिवादन को अंग्रेजी हाथ मिलाने के लिए नहीं छोड़ता। मैं इसमें कोई उद्देश्य नहीं देखता सिवाय नकल करने के, और इस तरह विदेशी सभ्यता की श्रेष्ठता को स्वीकारने के। - जॉन वुड्रॉफ (लेखक)

Quiz

वैद्यनाथ के ऐतिह्य पर ही आधारित एक और मंदिर है उत्तर प्रदेश में । कौन सा है यह ?

Other languages: EnglishMalayalamTamilTeluguKannada

Recommended for you

सनातन परंपरा यही है कि पहले देवियों का नाम लेकर बाद में देवों का नाम लेते हैं

सनातन परंपरा यही है कि पहले देवियों का नाम लेकर बाद में देवों का नाम लेते हैं

Click here to know more..

दुष्कर्मों से रक्षा मांगकर प्रार्थना

दुष्कर्मों से रक्षा मांगकर प्रार्थना

Click here to know more..

अष्ट विनायक स्तोत्र

अष्ट विनायक स्तोत्र

स्वस्ति श्रीगणनायको गजमुखो मोरेश्वरः सिद्धिदो बल्लाळस�....

Click here to know more..