लगातार 5 दिनों तक सरस्वती नदी में स्नान करने से आप पवित्र हो जाते हैं। 7 दिन में यमुना पवित्र कर देती है। गंगा तुरन्त पवित्र करती है। लेकिन नर्मदा के दर्शन मात्र से मनुष्य पवित्र हो जाता है। - मत्स्य पुराण.
क्रोध आदि तीव्र भावनाओं के प्रभाव में लिए गए संकल्प या प्रतिज्ञा का धर्म की दृष्टि में कोई मूल्य नहीं है। ऐसी प्रतिज्ञाओं को तोड़ने का कोई परिणाम नहीं होता।
स्तोत्र रत्नावली - अर्थ सहित
शिव, विष्णु, राम, कृष्ण स्तोत्र - अर्थ सहित - विष्णु २८ नाम, १....
Click here to know more..मानो हि महतां धनम्
अधम लोग सिर्फ धन की इच्छा रखने वाले होते हैं, वे मान-सम्मा�....
Click here to know more..ललिता हृदय स्तोत्र
मीषत्फुल्लमुखाम्बुजस्मितकरैराशाभवान्धापहाम् । पाशं स....
Click here to know more..