'नमः कामदेवाय सर्वजनप्रियाय सर्वजनसम्मोहनाय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल सर्वजनहृदयं मम वशं कुरु कुरु स्वाहा।'
'कामदेव को प्रणाम, जो प्रेम के देवता हैं, जो सबके प्रिय हैं और जिनके पास सभी को मोहित करने की शक्ति है। जलाओ, जलाओ, जलाओ, सभी लोगों के दिलों को प्रज्वलित करो और उन्हें मेरे प्रति अनुकूल बनाओ।'
यह मंत्र कामदेव का आह्वान है, जिससे उनके आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है ताकि प्रेम, आकर्षण और दूसरों पर प्रभाव प्राप्त हो सके। यह प्रेम और मोहकता की दिव्य शक्ति का उपयोग करके अनुकूल रिश्ते और जीवन में सामंजस्य बनाने की इच्छा को दर्शाता है।
लाभ:
श्रद्धा के साथ इस मंत्र को सुनने से माना जाता है कि व्यक्ति की आकर्षण शक्ति और करिश्मा बढ़ता है, जो सकारात्मक रिश्तों को बढ़ावा देता है और लोगों में स्नेह और एकता की भावना को प्रोत्साहित करता है। यह माना जाता है कि इससे आकर्षण विकसित होती है, दूसरों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने की क्षमता बढ़ती है, और कामदेव की कृपा से व्यक्तिगत इच्छाओं की पूर्ति होती है।
पद्म पुराण पाताल खंड में संतान प्राप्ति के लिए तीन उपाय बताये गये हैं- भगवान विष्णु का प्रसाद, भगवान शंकर का प्रसाद और गौ माता का प्रसाद।
शिव जी का प्रिय मंत्र है - नमः शिवाय । इसे पंचाक्षर मंत्र कहते हैं । इस मंत्र को ॐ के साथ - ॐ नमः शिवाय के रूप में भी जपते हैं ।
शांति और समृद्धि के लिए भगवान विष्णु का मंत्र
ॐ नमो भगवते विष्णवे श्रीसालिग्रामनिवासिने सर्वाभीष्टफ�....
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ॐ सिन्दूरवर्णं द्विभुजं गणेशं लम्बोदरं पद्मदले निविष्ट....
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