जिस स्थान पर श्री रामजी ने अहिल्या को श्राप से मुक्त किया, उसे अहिल्या स्थान के नाम से जाना जाता है। यह बिहार के दरभंगा जिले में अहियारी स्थित है।
सूर्य देव के श्राप से निर्धन होकर शनि देव अपनी मां छाया देवी के साथ रहते थे। सूर्य देव उनसे मिलने आये। वह मकर संक्रांति का दिन था। शनि देव के पास तिल और गुड के सिवा और कुछ नहीं था। उन्होंने तिल और गुड समर्पित करके सूर्य देव को प्रसन्न किया। इसलिए हम भी प्रसाद के रूप में उस दिन तिल और गुड खाते हैं।