Comments
गुरुजी की शिक्षाओं में सरलता हैं 🌸 -Ratan Kumar
आपकी वेवसाइट अदभुत हे, आपकी वेवसाइट से असीम ज्ञान की प्राप्ति होती है, आपका धर्म और ज्ञान के प्रति ये कार्य सराहनीय, और वंदनीय है, आपको कोटि कोटि नमन🙏🙏🙏🙏 -sonu hada
हिंदू धर्म के पुनरुद्धार और वैदिक गुरुकुलों के समर्थन के लिए आपका कार्य सराहनीय है - राजेश गोयल
यह वेबसाइट ज्ञान का अद्वितीय स्रोत है। -रोहन चौधरी
गुरुकुलों और गोशालाओं को पोषित करने में आपका कार्य सनातन धर्म की सच्ची सेवा है। 🌸 -अमित भारद्वाज
Read more comments
Knowledge Bank
शिव गायत्री मंत्र
तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
पर्जन्य अस्त्र
पर्जन्य अस्त्र का उपयोग प्राचीन समय में युद्धों के दौरान किया जाता था। यह एक प्रकार का बाण था, जिसके उपयोग से भारी वर्षा होती थी। पर्जन्य अस्त्र की मदद से शत्रु के अग्नि बाणों को शांत किया जा सकता था। ये वे अस्त्र हैं, जो मन्त्रों के माध्यम से सक्रिय किए जाते हैं। प्रत्येक अस्त्र का संबंध किसी विशेष देवता से होता है और इन्हें मन्त्रों और तंत्रों के माध्यम से संचालित किया जाता है। इन्हें दिव्य और मान्त्रिक अस्त्र कहा जाता है।