भगवान शिव घोर तपस्या कर रहे थे। उनका शरीर गर्म हो गया और उनके पसीने से नर्मदा नदी अस्तित्व में आई। नर्मदा को शिव की पुत्री माना जाता है।
इसे आसिपत्रान कहते हैं। इस वन में पेड़ - पौधों के पत्तों के रूप में तलवारें हैं। इन तलवारों से पापी को सताया जाता है।
विषकुम्भं पयोमुखम्
जो मनुष्य सामने से प्यारी बातें बोलकर पीछे से हमारे काम क�....
Click here to know more..तूफान - अच्छा करो या बुरा, जो जाता है वही वापस आता है
एक कहानी जो साबित करती है कि यदि कोई किसी को धोखा देने की क�....
Click here to know more..गणाध्यक्ष स्तोत्र
आदिपूज्यं गणाध्यक्षमुमापुत्रं विनायकम्। मङ्गलं परमं र�....
Click here to know more..