चार्वाक दर्शन के अनुसार जीवन का सबसे बडा लक्ष्य सुख और आनंद को पाना होना चाहिए।
गण्डान्त तीन प्रकार के हैं: नक्षत्र-गण्डान्त , राशि-गण्डान्त, तिथि-गण्डान्त। अश्विनी, मघा, मूल इन तीन नक्षत्रों के प्रथम चरण; रेवती, आश्लेषा, ज्येष्ठा इन तीन नक्षत्रों के अन्तिम चरण; ये हुए नक्षत्र-गण्डान्त। मेष, सिंह, धनु इन तीन राशियों की प्रथम घटिका; कर्क, वृश्चिक, मीन इन तीन राशियों की अंतिम घटिका; ये हुए राशि गण्डान्त। अमावास्या, पूर्णिमा, पञ्चमी, दशमी इन चार तिथियों की अंतिम तीन घटिका; प्रतिपदा, षष्ठी, एकादशी इन तीन तिथियों की प्रथम तीन घटिका; ये हुए तिथि-गण्डान्त। गण्डान्तों में जन्म अशुभ माना जाता है। गण्डान्तों में शुभ कार्यों को करना भी वर्जित है।
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